181 महिला हेल्प लाइन सेवा की महिला कर्मियों के साथ हुआ अन्याय
महिला सुरक्षा के लिए बनी ‘181’ हेल्पलाइन सेवा का बरेली में कार्यरत महिला कर्मियों को एक साल से नहीं मिली है सैलरी | जानकारी के अनुसार मार्च 2019 से यह दिक्कत पूरे प्रदेश में कार्यरत महिला कर्मियों से सात आयी है | अब जाकर बरेली पैसा छकाने के बजाये कंपनी ने महिला कर्मियों को टर्मिनेशन लेटर भेज दिया है | महिलाओं की मदद के लिए यह सेवा आठ मार्च 2016 को ‘181’ महिला हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी। योजना के संचालन की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र की कंपनी ‘जीवीके एमआरआई’ को पांच वर्षों के लिए दी गई थी। कंपनी के कर्मियों का कहना है कि जब सरकार भुगतान नही कर रही है तो वह कहा से भुगतान करें। हालांकि कंपनी ने कुछ कर्मियों का तीन माह का भुगतान अपने पास से किया था।
एक साल से बिना सैलरी के किया काम,
अब पैसे के बजाये हाथ में पकड़ा दिया टर्मिनेशन लेटर,
बरेली ही नहीं प्रदीश भर की महिला कर्मियों का यही हाल ,
181 महिला हेल्प लाइन सेवा की महिला कर्मियों के साथ हुआ अन्याय
महिला सुरक्षा के लिए बनी ‘181’ हेल्पलाइन सेवा का बरेली में कार्यरत महिला कर्मियों को एक साल से नहीं मिली है सैलरी | जानकारी के अनुसार मार्च 2019 से यह दिक्कत पूरे प्रदेश में कार्यरत महिला कर्मियों से सात आयी है | अब जाकर बरेली पैसा छकाने के बजाये कंपनी ने महिला कर्मियों को टर्मिनेशन लेटर भेज दिया है | महिलाओं की मदद के लिए यह सेवा आठ मार्च 2016 को ‘181’ महिला हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी। योजना के संचालन की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र की कंपनी ‘जीवीके एमआरआई’ को पांच वर्षों के लिए दी गई थी। कंपनी के कर्मियों का कहना है कि जब सरकार भुगतान नही कर रही है तो वह कहा से भुगतान करें। हालांकि कंपनी ने कुछ कर्मियों का तीन माह का भुगतान अपने पास से किया था।
एक साल से बिना सैलरी के किया काम,
अब पैसे के बजाये हाथ में पकड़ा दिया टर्मिनेशन लेटर,
बरेली ही नहीं प्रदीश भर की महिला कर्मियों का यही हाल ,
181 महिला हेल्प लाइन सेवा की महिला कर्मियों के साथ हुआ अन्याय
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