1884 में अंग्रेज़ो द्वारा बनाये गए ट्रेन के इंजन को
आज भी संजोये रखा बैठा है इज़्ज़तनगर
1954 के जमाने में यह इंजन अलीपुर से
कलेक्टर बक गंज यानि सीबी तक चलता था
1995 में इसे ऐतिहासिक घरोहर के तौर पर
कुमाऊ टाइगर इज़्ज़तनगर में स्थापित किया गया
डेलापीर मज़ार
की कहानी
हर साल यहाँ
लगता है मेला
आज भी संजोये रखा बैठा है इज़्ज़तनगर
1954 के जमाने में यह इंजन अलीपुर से
कलेक्टर बक गंज यानि सीबी तक चलता था
1995 में इसे ऐतिहासिक घरोहर के तौर पर
कुमाऊ टाइगर इज़्ज़तनगर में स्थापित किया गया
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