ज़मीनी हक़ीक़त - बेचारे किसान - लोन माफ़ी



कृषक ऋण मोचन योजना से वंचित किसानों के आवेदन जमा करने के आखिरी दिन विकास भवन में किसानों की भीड़ उमड़ी। 
जिसे नियंत्रित करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को पहुंचना पड़ा।
 देर शाम तक किसानों का तांता लगा रहा। 
जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि 6200 से अधिक किसानों ने आवेदन जमा किए हैं।

चुनावी नजदीक आता देख किसानों की आई सुध जिले के एक लाख 63 हजार किसानों ने बैंकों से ऋण प्राप्त किया, जिनमें से 93,500 किसानों को कृषक ऋण मोचन योजना का लाभ मिला। फिर भी काफी किसान ऋण माफी के लिए परेशान थे। सरकार ने चुनावी वर्ष में ऐसे किसानों को योजना का लाभ पाने से वंचित किसानों को राहत देने का निर्णय लिया। निर्धारित प्रारूप भरने में किसानों को हुई परेशानी निर्धारित प्रारूप में आधार कार्ड, खतौनी तथा बैंक पास बुक की पहले व अंतिम पृष्ठ की प्रति के साथ शिकायत दर्ज करानी थी, लेकिन किसानों को प्रारूप भरने में परेशानी आई। जिसे भरने के लिए भटकना पड़ा। बैंक स्टेटमेंट देने के नाम पर वसूली बैंक पासबुक के पहले व आखिरी पन्ने की छायाप्रति प्रारूप के साथ जमा होनी थी। जागरूकता के अभाव में किसान स्टेटमेंट निकलवाने के लिए बैंकों में पहुंचे। अंतिम समय पर स्टेटमेंट देने के लिए बैंक कर्मियों ने वसूली की। विकास भवन पहुंचे कई किसान ने यह आरोप लगाए।

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