बरेली में शुक्रवार 7 तारीख को नवोदय अस्पताल में आग लगने के कारण मच गया था हड़कंप
अस्पताल के बेसमेंट में आग लगने के बाद यहां से उठा धुआं ऊपर की मंजिल में बने कमरों तक पहुंच गया
आग लगने का शोर मचाने के बाद अस्पताल के अंदर भगदड़ शुरू हो गई मरीजों को सीढ़ियों के रस्ते नीचे लाने की कोशिश में उनके तीमारदार गिर पड़े
तंग सीढ़ियां होने की वजह से मरीज बमुश्किल उतर पाए और तो और आपाधापी में धक्का-मुक्की हुई और महिलाएं गिरकर चोटिल हो गई
घटना के बाद जब पत्रकारों ने अस्पताल के अंदर ताका झांकी की तो मालूम हुआ कि नवोदय अस्पताल एक चार मंजिला मकान में स्थापित हो गया है
बेसमेंट में छोटे कमरों में ऑपरेशन थिएटर है स्ट्रेचर ले जाने के लिए कायदे का रैंप भी नहीं है
आग लगने की स्थिति में कोई इमरजेंसी एक्जिट नहीं है आने-जाने का केवल एक ही रास्ता है
आग लगने की स्थिति में काम आने वाले अग्निशामक यंत्र काम नहीं कर रहे थे
अग्निशमन विभाग के दरोगा धर्मपाल के मुताबिक फायर फाइटर आईसीयू में फंसे 5 मरीजों को बमुश्किल निकाल सके
फिलहाल इस आग से तो मरीज बच गए लेकिन इस घटना के बाद क्या यह नहीं समझा जाना चाहिए कि अफसरों को पैसा खिलाओ और कुछ भी कर डालो
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