आला हजरत, इमाम अहमद रजा खां, फ़ाज़िले बरेलवी का, 100 वां उर्स मुबारक, सोमवार को अकीदत के साथ रूहानी माहौल में मुकम्मल हो गया। उर्स में आला हजरत के सैदाईयों का भारी सैलाब देखने को मिला। विदेश से भी हजारों ज़ायरीन ने शामिल होकर अकीदत-ओ-मोहब्बत का नजराना पेश किया। इस दौरान पूरा शहर रजा के रंग में रंगा नजर आया।
सोमवार दिनांक 5 नवंबर को उर्स का आखिरी दिन था , यूं तो उर्स-ऐ-रिजवी की मौके पर दो दिन पहले से जायरीन के आला हजरत की चौखट पर हाजिरी का सिलसिला शुरू हो गया था और सोमवार तक हाजिरी देने वालों का सैलाब थमा नहीं था।
सोमवार सुबह से ही उर्सगाह इस्लामियां इंटर कॉलेज मैदान पर उर्स की तक़रीब शुरू हो गई थी। दोपहर लगभग 2:30 बजे जलसा अपने शबाब पर था। रास्ते पैक थे फिर भी लोग आगे पहुंचने की कोशिश में आगे बढ़ते रहें और जैसे ही वक्त 2 : 38 का हुआ मंच से कुल की आयतें गूंज उठी। बस जो जहां था वहीं हाथों में तबर्रुक लेकर रुक गया। फातेहा के बाद मुल्क की तरक्की और आवाम की खुशहाली की दुआ के साथ उर्स की कुल की रसम पूरी हो गई और ज़ायरीन अपने घरों की ओर रवाना होने लगे।
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