दोनों दिन डीजे की धमक गूंजी। तलवारें भी लहराई गयीं | जुलूस-ए-मुहम्मदी




जुलूस-ए-मुहम्मदी में दोनों दिन डीजे की धमक गूंजी। तलवारें भी लहराई गयीं । दरगाह आला हजरत से एलान हुआ था कि जुलूस में न तो डीजे बजाएंगे न ही म्यूजिक वाली नात या कव्वाली। इसके बाद एक फतवा जारी हुआ कि जिसमें डीजे को हराम करा दिया गया। पर मंगलवार को जब पहले दिन जुलूस निकला, तो डीजे का शोर गूंज उठा। तलवारें भी दिखीं। बुधवार को दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां की कयादत में कोहाड़ापीर से जुलूस निकला। दरगाह के लोगों को उम्मीद थी कि इस जुलूस में डीजे और तलवारें नहीं होंगी। मगर इसमें भी कई अंजुमनें डीजे और तलवारें लेकर पहुंचीं। हालांकि भीड़ के मद्देनजर इस पर कड़ा एतराज नहीं हो सका। उलमा-ए-कराम ने अपने पैगाम में इतना जरूर कहा कि आशिकाने रसूल डीजे और तलवार से दूर रहें। कई अंजुमनों ने फतवे और दरगाह के पैगाम पर अमल करते हुए डीजे का बहिष्कार भी किया।  

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