स्वच्छता पखवाड़ा ख़त्म । रह गया तो बस कूड़ा




देश भर में 15 सितम्बर 2018 से २ अक्टूबर 2018 तक स्वच्छता ही सेवा नाम से एक आंदोलन  किया गया, जिसके तहत बरेली शहर में भी लोगों को जागरूक करने के लिए अनेकों रैलियां और कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, स्कूलों में भी बच्चों  को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम कराये गए ,
स्वच्छता पखवाड़ा के आखिरी दिन यानि की २ अक्टूबर को  गाँधी जयंती पर गाँधी उद्यान में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।  जिसमें शहर के मेयर डॉ उमेश गौतम और नगर आयुक्त राजेश कुमार श्रीवास्त ने लोगों को सम्बोधित किया और स्वच्छता के  प्रति जागरूक किया

लेकिन हद तो तब हो गयी जब स्वच्छता अभियान की नसीहत का कोई भी असर तक होता नहीं दिखा जहाँ कुछ देर पहले तक लोग हाथ में झाड़ू लेकर सफाई करते नजर आ रहे थे पार्क से कूड़ा उठाते नजर आ रहे थे वही कार्यक्रम में शामिल हुए सैकड़ों लोगों ने कार्यक्रम के ख़त्म होते ही नाश्ते के पैकेट और पानी पीकर डिस्पोजल पार्क में यूँ ही छोड़ दिए , कूड़ादान तक जाने की जहमत भी नहीं उठाई।
इतने कार्यक्रम और इतनी रैलियों के बावजूद भी जनता का वही हाल है।
शायद शहर में स्वच्छता हाथ में एक दिन बैनर लेकर रैली निकलने से नहीं बल्कि हर दिन अपने आस पड़ोस को स्वच्छ बनाये रखने की सोच से होगी।

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