कुतुबखाना फ्लाईओवर।जानें जनता की राय।देखिये हमारी रिपोर्ट





बरेली शहर में कुतुबखाना एक ऐसा इलाक़ा है जहाँ जाम की बड़ी समस्या है | यह जाम कोहाड़ापीर से लेकर दर्ज़ी चौक से गुज़रते हुए डिस्ट्रिक्ट अस्पताल और कुँअर टाकीज़ तक लगा रहता है |  
मेयर उमेश गौतम ने बीते दिनों यहाँ एक फ्लाईओवर का निर्माण करने का प्रस्ताव रखा था |
लेकिन
 फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर व्यापारियों की राय कुछ अलग है  
अमर उजाला में आयी खबर के अनुसार 
व्यापारियों ने फ्लाईओवर के निर्माण का स्वागत नहीं किया और फ्लाईओवर को न बनाने के  आठ तर्क रखे

 1- कुतुबखाना बाजार अतीत काल से बरेली शहर की धरोहर माना जाता है। करोड़ों रुपये का राजस्व सरकार के खाते में जाता है।
2- बाजार में ओवरब्रिज बनाए जाने के मानक पिछली बार नाकाम हो चुके हैं। 3- अनेक धार्मिक स्थल हैं जैसे- गुरुद्वारे, मंदिर और मस्जिदें हैं, जिनकी पवित्रता बाधित होगी। 4- घंटाघर में पार्किंग बनाने का जो प्रस्ताव है, उससे जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। राजस्व की क्षति भी नहीं होगी। 5- शहर के तमाम धार्मिक कार्यक्रम जैसे- गणेश उत्सव, गंगा महारानी, कांवर, आंबेडकर जयंती, प्रकाश पर्व और जुलूसे मोहम्मदी पूरी पवित्रता और आस्था के साथ निकाली जाती है। सभी कार्यक्रम बाधित होंगे। 6- धार्मिक उत्सवों पर लाखों लोग देश-विदेश से आते हैं उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी। 7- अस्पताल और स्कूली बच्चों का आनाजाना भी होता है, उनको भी परेशानी हो सकती है। 8- ओवरब्रिज की धनराशि से पुरानी सीवर लाइन बदली जाए, गड्ढामुक्त सड़कों का निर्माण कराया जाए, रैन बसेरा और वृद्घ आश्रम बनाए ज


सोर्स - https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/bareilly/61537982092-bareilly-news


हलाकि कुछ लोगो की राय पक्ष में भी है लेकिन ज़्यादातर लोग इस बात से घबराये हुए है के निर्माण कार्य के समय उनके छोटे उद्योग ठप पड़ जायेंगे और फ्लाईओवर बनने के अंतराल में ही वह कंगाल हो जायेंगे |
व्यापारियों का कहना है कि पार्किंग की समस्या को हल करना ज़ादा आवयश्यक है
फड़ मार्किट को जहाँ तहाँ फ़ैलाने से अच्छा है कि बड़े शहरों की तरह इसको संगठित किया जाये

सरकार का संकल्प है सबका साथ सबका विकास | फ्लाईओवर बनने से एक बात तो तय है के बरेली की जनता को जाम से छुटकारा तो मिल जायेगा लेकिन छोटे कारोबारियों  मज़दूरों और रोज़गारों की कमाई निर्माण के समय ठप पड़  जाएगी |

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