आय प्रमाणपत्र ही नहीं फर्जी वोटर कार्ड बनाने को लेकर भी आंवला तहसील चर्चा में रही है। करीब दो साल पहले तहसील के पास बड़ी तादाद में फर्जी मतदाता पहचान पत्रों को बनाने का मामला पकड़ा गया था। इसमें एक कंप्यूटर संचालक पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी, लेकिन बाद में प्रशासनिक अफसरों ने इस पर शिकंजा कसने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया। सूत्र बताते हैं कि तहसील के पास अभी भी फर्जी वोटर कार्ड बनाने का काम चल रहा है।
करीब दो साल पहले आंवला तहसील के पास कंप्यूटर सेंटर चलाने वाला शख्स लोगों से 300 रुपये लेकर हाथोंहाथ फर्जी वोटर कार्ड बना रहा था। यह मामला जब उस वक्त तैनात नायब तहसीलदार पुष्पेंद्र कुमार तक पहुंचा तो हड़कंप मच गया। उन्होंने तहसील के अन्य स्टाफ के साथ दुकानदार के कंप्यूटर का जब रिकार्ड चेक किया तो उसमें बड़ी संख्या में लोगों के फर्जी वोटर कार्ड बनाने जाने की पुष्टि हुई। इस मामले में तहसील प्रशासन की तरफ से संबंधित दुकानदार के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी। हालांकि इसके बाद अधिकारियों ने इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए फिर कोई कार्रवाई नहीं ली। ऐसे में इस धंधे में लिप्त दूसरे लोगों के गिरेबां तक कानून के हाथ नहीं पहुंच सके। बताते हैं कि इस घटना के बावजूद आंवला तहसील के आसपास सहित कई जगहों पर फर्जी वोटर कार्ड बनाने का काम अब भी चल रहा है। तहसील के कई कर्मचारियों को यह पता भी है लेकिन सारा मामला दबा हुआ है।

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