साइंटिस्टों का कहना है कि उन्होंने पहली बायोइलैक्ट्रिक दवा तैयार कर ली है, जो कि नसों के रिजनरेट होने की गती को बढ़ाने के साथ-साथ क्षतिग्रस्त नसों तथा घावों को जल्दी भरने में मददगार साबित होगी।
वैज्ञानिकों का कहना है, कि उन्होंने पहली बायोइलेक्ट्रॉनिक मेडिसिन विकसित की है- एक प्रत्यारोपण योग्य, बायोडिग्रेडेबल वायरलेस डिवाइस जो तंत्रिका पुनर्जन्म को गति देता है, और क्षतिग्रस्त तंत्रिका के उपचार में सुधार करता है।
यू.एस. में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक उपकरण विकसित किया जो सर्जिकल मरम्मत प्रक्रिया के बाद चूहों में परिधीय नसों को क्षतिग्रस्त करने के लिए बिजली के नियमित दावों को बचाता है, जिससे उनके पैरों को तंत्रिका के पुनरुत्थान में तेजी आती है।
पत्रिका प्रकृति चिकित्सा पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जर्नल प्रकृति चिकित्सा में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, एक छोटे सिक्का के आकार के बारे में, वायरलेस डिवाइस शरीर में अवशोषित होने से पहले दो सप्ताह तक चलती है।
Comments
Post a Comment