भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से सेवानिवृत प्रोफेसर गुरुदास अग्रवाल उर्फ़ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने गुरूवार दिनांक 11 अक्टूबर 2018 को देह त्याग दी। 22 जून, 2018 को उन्होंने गंगा की रक्षा के लिए सख्त कानून बनाने और जल विद्युत परियोजनाओं के विरोध समेत विभिन्न मांगों को लेकर मातृसदन में अनशन शुरू किया था, इसे उन्होंने तप नाम दिया था। इस दौरान वे केवल नींबू, शहद, नमक और पानी ले रहे थे।
मंगलवार को उन्हें हरिद्वार स्थित मातृसदन से लाकर एम्स मे भर्ती कराया गया था। डाक्टरों के अनुसार उनके शरीर में पोटेशियम और ग्लूकोज निचले स्तर पर आ गया था, जिसकी वजह से ही उन्हें हृदयघात आया।
उधर, मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने जिला प्रशासन पर सानंद की हत्या का आरोप लगाया है और घोषणा की है कि नवरात्रों के बाद वह स्वयं इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि, स्वामी सानंद की हत्या में शामिल अधिकारियों व मंत्रियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर अनशन करेंगे।
86 वर्षीय सानंद अविवाहित थे और उन्होंने अपनी देह एम्स ऋषिकेश को दान की हुई थी
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के निधन पर दुख व्यक्त किया। ट्वीट में कहा कि शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण, विशेषकर गंगा स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा याद रखा जाएगा।
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