इस रैली में देशभर से 4 लाख से ज्यादा किसान-मजदूरों के दिल्ली में जुटने का किया गया दावा
वाद दलों का कहना है कि रामलीला मैदान में आयोजित किसान रैली की तर्ज पर आने वाले दिनों में भी होंगी ऐसी ही रैलियां
किसान-मजदूर रैलियों के माध्यम से देश के किसान और मजदूरों ने अपनी बदहाली के उठाये मुद्दे
बुधवार दिनांक 5 सितम्बर को रामलीला मैदान की गयी किसान-मजदूर-रैली की शुरुआत
तपन सेन ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार सरकार के खिलाफ आयोजित रैली में किसान और मजदूर एकजुट होकर लेंगे हिस्सा
किसान-मजदूर रैली में हिस्सा लेने के लिये देश भर से किसान और कामगारों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला पिछले कुछ महीनों से है जारी
क्या है मांगें?
क्या है मांगें?
किसानों की मांग रोज बढ़ रही महंगाई पर लगाई जाए लगाम
खाद्य वितरण प्रणाली की व्यवस्था को किया जाए ठीक
सभी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी भत्ता 18000 रुपया प्रतिमाह किया जाए
मौजूदा पीढ़ी को मिले उचित रोजगार
मजदूरों के लिए बने कानून में मजदूर विरोधी बदलाव ना किए जाएं
किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू हों
गरीब खेती मजदूर और किसानों का कर्ज माफ हो
खेती में लगे मजदूरों के लिए बने एक बेहतर कानून
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