कुतुबखाना में ओवरब्रिज बनाने पर व्यापारियों में नाराजगी है





शहर को जाम से मुक्त करने के लिए कुतुबखाना में ओवरब्रिज बनाने के प्लान पर कुतुबखाना बाजार के व्यापारियों में नाराजगी है। बुधवार को दर्जनों व्यापारी एकजुट होकर नगर निगम पहुंचे और हंगामा किया। व्यापारियों का कहना है कि ओवरब्रिज बनने से न सिर्फ जनहित का नुकसान होगा, बल्कि धार्मिक आस्थाएं भी आहत होंगी। ओवरब्रिज क्यों नहीं बनना चाहिए इसके लिए व्यापारियों ने मेयर के सामने आठ तर्क रखे।
व्यापारियों के तर्क
  1. - कुतुबखाना बाजार अतीत काल से बरेली शहर की धरोहर माना जाता है। करोड़ों रुपये का राजस्व सरकार के खाते में जाता है।
  2. - बाजार में ओवरब्रिज बनाए जाने के मानक पिछली बार नाकाम हो चुके हैं।
  3. - अनेक धार्मिक स्थल हैं जैसे- गुरुद्वारे, मंदिर और मस्जिदें हैं, जिनकी पवित्रता बाधित होगी।
  4. - घंटाघर में पार्किंग बनाने का जो प्रस्ताव है, उससे जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। राजस्व की क्षति भी नहीं होगी।
  5. - शहर के तमाम धार्मिक कार्यक्रम जैसे- गणेश उत्सव, गंगा महारानी, कांवर, आंबेडकर जयंती, प्रकाश पर्व और जुलूसे मोहम्मदी पूरी पवित्रता और आस्था के साथ निकाली जाती है। सभी कार्यक्रम बाधित होंगे।
  6. - धार्मिक उत्सवों पर लाखों लोग देश-विदेश से आते हैं उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
  7. - अस्पताल और स्कूली बच्चों का आनाजाना भी होता है, उनको भी परेशानी हो सकती है।
  8. - ओवरब्रिज की धनराशि से पुरानी सीवर लाइन बदली जाए, गड्ढामुक्त सड़कों का निर्माण कराया जाए, रैन बसेरा और वृद्घ आश्रम बनाए जाएं।

 मेयर डॉ. उमेश गौतम ने कहा, इस तरह हंगामा करने से कोई फायदा नहीं। कुतुबखाना बाजार के 21 व्यापारी आएं। बैठक कर अपने विचार रखें सबकी बातों को सुना जाएगा। ऐसा नहीं है कि आज प्लान बना, कल सारी दुकानें तोड़कर ओवरब्रिज का निर्माण कर दिया जाएगा। कोई बीच का रास्ता निकाला जाएगा, फिर काम होगा। विरोध प्रदर्शन में सुरेंद्र कुमार, फिरोज अहमद, प्रतीक खंडेलवाल, राहुल सिंह, अतुल सक्सेना, नदीम, एनके चंद्रा और हरप्रीत सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे।


Source -

https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/bareilly/61537982092-bareilly-news



Comments