स्वच्छता अभियान का कड़वा सच। Bitter Side Of Swachh Bharat





केंद्र में भा.जा.पा. सरकार के सत्ता में  आने के बाद से ही स्वच्छता सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और अपने इस 'स्वच्छ भारत अभियान' को सफल बनाने के लिए सरकार ने अनेकों कार्यक्रम चला रखे है , स्वच्छ भारत अभियान के तहत ही 15 सितम्बर 2018 को एक आंदोलन शुरू हुआ 'स्वच्छता ही सेवा' जो 2 अक्टूबर 2018 चलेगा, और इस आंदोलन के शुरू होते ही हमारे जिला बरेली के शासन प्रशासन के तमाम नुमाइंदों के साथ साथ हमारे शहर के मेयर महोदय भी एक्टिव नजर आ रहे है। 
शहर को स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम कर्मचारी जी तोड़ मेहनत करते नजर आ रहे है, दिन में ही नहीं रात में भी ये कर्मचारी सड़को पर झाड़ू लगते नजर आयेंगें, लेकिन इनकी इतनी मेहनत करने के बाबजूद भी शहर की सड़कों पर पड़ी यह गंदगी आखिर क्यों साफ़ होती नजर नहीं आ रही है, यह है शहर की वो आम सड़के जहां से दिन भर में सैकड़ों लोग गुजरते है। 
स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए शहर में यदा कड़ा रैलियां  निकाली जा रही है, जगह- जगह पोस्टर लगाए जा रहे है , स्कूलों में स्वच्छता कार्यक्रम कराये जा रहे है और भाषण के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है , लेकिन शहर की सड़कों पर पड़ी यह गंदगी एक अलग ही असलियत सामने ला रही है,
आखिर क्यूँ नगर निगम के द्वारा केवल कुछ खास जगहों से कचरा उठाया जा रहा है , शहर में सभी जगहों से क्यूँ नहीं ?
आखिर क्यूँ सिर्फ सिविल लाइन्स, सैटेलाइट जैसी कुछ जगहों पर ही झाड़ू लगाई जा रही है , सड़कें साफ़ की जा रही हैं ?
सवाल बड़ा है.
इतनी सफाइयां और इतने अभियानों के बाद भी अगर हालात यही रहे तो फिर हमें यह सोचने पर मजबूर हो जाना चाहिए कि आखिर हम किस दिशा में जा रहे है , गंदगी द्वारा परोसी जा रही तरह-तरह की जानलेवा बिमारियों की ओर या फिर शहर के स्मार्ट सिटी की ओर हर रोज बढ़ते एक नए कदम की ओर ? 



डेलापीर रोड, बरेली 
नगर निगम, बरेली 
गाँधी नगर रेलवे क्रॉसिंग, बरेली 
पीलीभीत बाईपास रोड, बरेली 
कुदेसिया फाटक, बरेली  'स्वच्छ भारत अभियान' एक कदम स्वच्छता की ओर......
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शहर की सूरत में नहीं आया कोई बदलाव 
लगातार बढ़ रही गंदगी से फ़ैल रहीं बीमारियां 
ना सरकार ना ही आम जनता हुई जागरूक 
प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत योजना की विफल होती तस्वीर 
कैंट, सिविल लाइन्स, सैटेलाइट जैसी कुछ जगह ही हैं साफ़ 
सिविल लाइन्स बरेली 









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