पिछले दस वर्षों में पढ़ाई की दुनियां ही बदल गयी है एक वक़्त था जब गिने चुने कॉलेज हुआ करते थे और तब डिग्री का महत्व था , लेकिन इन दस वर्षों में कॉलेज की संख्या दोगुनी हो गयी है और शिक्षा का स्तर दिन व् दिन गिरता गया है
रोहिलखण्ड विश्वविद्यालय की बात की जाये तो पिछले कुछ महीनो से यहाँ के छात्र किसी न किसी कारणवश विश्वविद्यालय के रवैये से हताश होते ही नजर आएं , सबसे पहले इस वर्ष के विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम से छात्र निराश हुए और उन्होंने पुनः मूल्यांकन की मांग करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया , उसके बाद छात्रों की एडमिशन प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी के चलते कॉलेज में एडमिशन काम हुए और जब कॉलेज बंद होने की नौबत आई तो विवि ने एडमिशन की तारीख बढ़ाई
इसके अलावा छात्रों की माने तो कॉलेज में पर्याप्त प्रोफरों की भी कमी है , अब ऐसे में छात्र अपनी डिग्री लेकर नौकरी पायेगा कैसे क्युकी सफल जीवन की कुंजी तो ज्ञान ही होती है
रोहिलखण्ड विश्वविद्यालय की बात की जाये तो पिछले कुछ महीनो से यहाँ के छात्र किसी न किसी कारणवश विश्वविद्यालय के रवैये से हताश होते ही नजर आएं , सबसे पहले इस वर्ष के विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम से छात्र निराश हुए और उन्होंने पुनः मूल्यांकन की मांग करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया , उसके बाद छात्रों की एडमिशन प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी के चलते कॉलेज में एडमिशन काम हुए और जब कॉलेज बंद होने की नौबत आई तो विवि ने एडमिशन की तारीख बढ़ाई
इसके अलावा छात्रों की माने तो कॉलेज में पर्याप्त प्रोफरों की भी कमी है , अब ऐसे में छात्र अपनी डिग्री लेकर नौकरी पायेगा कैसे क्युकी सफल जीवन की कुंजी तो ज्ञान ही होती है
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